बच्चो की भविष्य खतरे में हो सकती है , जानो कौन सा स्कूल सही आपके बच्चो के लिए ll CBSC V/S ICSE

हमारे देश में सबसे पहले शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश बोर्ड यानी कि यूपी बोर्ड रहा है इस साल 1921 में इलाहाबाद में संयुक्त प्रांत विधान परिषद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था 

 ये बोर्ड 10 + 2 प्रणाली अपनाने वाला भारत का पहला बोर्ड भी रहा है

(UP BOARD )यूपी बोर्ड की तरह ही हर राज्य का अपना एक शिक्षा बोर्ड होता है इसके अलावा सीबीएसई और ICSE ये इसे बोर्ड हैं जो हर राज्य में मौजूद है 

ICSE VS CBSE

लेकिन क्या आप इन दोनों के बीच के अंतर को समझते हैं अगर नहीं तो चलिए आज इसी पर बात कर लेते हैं और जान लेते हैं

यह दोनों बोर्ड एक दूसरे से अलग कैसे हैं 

और कौन सा ऐसा शिक्षा बोर्ड है जो आपके लिए है बेहतर सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई और इंडियन सर्टिफिकेट का सेकेंडरी एजुकेशन यानी ICSE दो लोकप्रिय शिक्षा बोर्ड है 

दोनों बहुत 10+2 प्रणाली को अपनाते हैं और माध्यमिक शिक्षा प्रदान करते हैं हालांकि इन दोनों बोर्ड में कुछ खास अंतर भी है जो स्टूडेंट और उनके घर वालों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है 

दोनों में सबसे पहले Defferent है सिलेबस का देश भर के ज्यादातर प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल सीबीएसई बोर्ड से ही संबंध है इसमें केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे टॉप गवर्नमेंट स्कूल शामिल है सीबीएसई का सिलेबस एनसीईआरटी यानी कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा बनाया जाता है 

इस साइंस और मैथ्स MSTH पर ज्यादा फोकस करता है और इसमें व्यावसायिक शिक्षा का भी विकल्प शामिल है 

यानी अगर आप NEET JEE  और यूपीएससी (UPSC) जैसी परीक्षाओं की तैयारी तैयारी करना चाहते हैं तो आप सीबीएसई का चुनाव कर सकते हैं वहीं इससे का पाठ्यक्रम कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है 

इसमें इंग्लिश में ज्यादा फोकस रहता है जिसमें IELTS AND TOEFT  यानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश जैसे कि फॉरेन लैंग्वेज तैयारी करने में मदद मिलती है यह कला गणित और जैसे विषयों को समान रूप से महत्व देता है दूसरा अंतर है मूल्यांकन का सीबीएसई में आंतरिक मूल्यांकन और बाहरी मूल्यांकन दोनों का मिश्रण होता है आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट असाइनमेंट और प्रायोगिक कार्य यानी की प्रैक्टिकल से शामिल होते हैं जबकि बाहर मूल्यांकन में बोर्ड परीक्षाएं शामिल होती है 

वहीं ICSE में भी आंतरिक मूल्यांकन और बाहरी मूल्यांकन का मिश्रण होता हैलेकिन बाहर मूल्यांकन का वजन अधिक होता है आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट असाइनमेंट और प्रायोगिक कार्य यानी की प्रैक्टिकल से शामिल होते हैं जबकि बाहरी मूल्यांकन में बोर्ड परीक्षाएं और स्कूल द्वारा आयोजित परीक्षाएं दोनों ही शामिल होते हैं

 तीसरा अंतर तीसरा अंतर मान्यता का सीबीएसई भारत में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड में से एक है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है दूसरी ओर इससे भी भारत में एक मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड है यह कामरेज विश्वविद्यालय से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है

 सीबीएसई स्कूलों की फीस अलग-अलग होती है जो स्कूल के स्थान प्रतिष्ठा और सुविधाओं पर निर्भर करती है वही अलग होती है जो स्कूल के स्थान प्रतिष्ठा और सुविधाओं पर निर्भर करती है वैसे आईसीएस स्कूलों के फीस आमतौर पर सीबीएसई स्कूलों की फीस से अधिक होती है इसके अलावा अगर ऐडमिशन परसेंटेज की बात करें भारत में जहां आईसीएसई बोर्ड से संबंधित 2700 को स्कूल है वहीं सीबीएसई से संबंधित 27000 से भी ज्यादा स्कूल है एसएमएस सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा हैजैसे कि हमने पहले भी बताया कि सीबीएसई नेटवर्क अधिकतर सरकारी स्कूल व कई प्राइवेट स्कूल को कवर करता है ICSE प्राइवेट बोर्ड है जिसका फोकस आईसीएसई बोर्ड से शिक्षा हासिल करने के बाद विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन की तैयारी करना आसान हो जाता है 

बता दे कि बोर्ड से दिसंबर स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं है हालांकि दोनों में से कौन सा बेहतर है थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह स्टूडेंट की व्यक्तिगत जरूरत हो और उनकी रुचियां पर निर्भर करता है लेकिन अगर आप टाइम पर मैथ्स में रुचि रखते हैं और राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं उसकी सीबीएसई आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन आर्ट (ART)लैंग्वेज और ह्यूमैनिटीज मिलती रखते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं तो आईसीएसई बोर्ड आपके लिए बेहतर साबित होगा कुछ नहीं जानकारी के साथ तब तक के लिए हमें दीजिए इजाजत नमस्कार

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